मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति)

By Cicle Health on 29 Nov, 2022
मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति)

मेनोपॉज से जुड़ी सभी जानकारी और उसके उपचार

मेनोपॉज आने के बाद आपको मूड़ स्विंग या वेजाइनल ड्राइनेस, हॉट फ्लैश की समस्या आ रही है और इसे मैनेज करने में परेशानी आ रही है तो हमारे डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। आप हमारे डॉक्टर से घर बैठे ही सलाह ले सकते हैं। अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए यहां क्लिक करें।

मेनोपॉज क्या है?

मेनोपॉज वह समय है जो मासिक धर्म चक्र के अंत को दिखाता है। मासिक धर्म के बिना 12 महीने बीत जाने के बाद इसकी जांच की जाती है। मेनोपॉज 40 या 50 के दशक की उम्र में हो सकता है। मेनोपॉज एक नेचुरल बायोलॉजिकल प्रोसेस (प्राकृतिक) है लेकिन शारीरिक लक्षण, जैसे हॉट फ्लैश (ऊपरी शरीर जैसे चेहरा, गर्दन और छाती पर अचानक गर्मी का अहसास) और मेनोपॉज के भावनात्मक लक्षण नींद को बाधित कर सकते हैं, यह आपकी एनर्जी को कम कर सकते हैं या इमोशनल हेल्थ को प्रभावित कर सकते हैं। लाइफस्टाइल में बदलाव से लेकर हार्मोन थेरेपी तक कई प्रभावी उपचार उपलब्ध हैं।

मेनोपॉज के दौरान क्या होता है?

नेचुरल मेनोपॉज किसी भी प्रकार के मेडिकल या सर्जिकल ट्रीटमेंट के कारण नहीं होती है। यह धीमे तरह से होता हैं और इसके तीन स्टेज हैं:

पेरिमेनोपॉज:-

यह स्टेज आमतौर पर मेनोपॉज से कई साल पहले शुरू होती है, जब ओवरी धीरे-धीरे कम एस्ट्रोजन बनाती हैं। पेरिमेनोपॉज मेनोपॉज तक रहता है, वह बिंदु जिस पर ओवरी एग रिलीज करना छोड़ देती हैं। इस स्टेज के आखिरी 1 से 2 सालों में एस्ट्रोजन का स्तर तेजी से गिरता है। कई महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षण होते हैं।

मेनोपॉज:-

यह तब होता है जब पीरियड्स न आए को एक साल हो गया हो। ओवरी ने एग रिलीज करना बंद कर दिया है और एस्ट्रोजन बनाना बंद कर दिया है।

पोस्टमेनोपॉज या मेनोपॉज़ के बाद:-

ये मेनोपॉज के बाद के साल हैं। मेनोपॉज में हॉट फ्लैश और रात को पसीना आना आमतौर पर कम हो जाता है। लेकिन जैसे-जैसे आप बड़े होते जाते हैं, एस्ट्रोजन के नुकसान से दूसरे स्वास्थ्य जोखिम बढ़ते जाते हैं।

मेनोपॉज के लक्षण

हर महिला का मेनोपॉज का अनुभव अलग होता है। जब मेनोपॉज अचानक या कम समय में होता है तो लक्षण आमतौर पर ज्यादा गंभीर होते हैं।

ऐसी कंडीशन जो ओवरी की सेहत को प्रभावित करती हैं, जैसे कैंसर या हिस्टेरेक्टॉमी, या कुछ जीवनशैली विकल्प, जैसे स्मोकिंग, लक्षणों की गंभीरता और पीरियड की अवधि भी बढ़ाते हैं।

मासिक धर्म में बदलाव के अलावा, पेरिमेनोपॉज, मेनोपॉज और पोस्टमेनोपॉज़ के लक्षण आम तौर पर समान होते हैं। पेरिमेनोपॉज़ के सबसे आम शुरुआती लक्षण हैं:

  • कम बार-बार मासिक धर्म
  • सामान्य रूप से आपके द्वारा अनुभव की जाने वाली हैवी या हल्के पीरियड्स
  • हॉट फ्लैश, रात को पसीना सहित वासोमोटर लक्षण

अनुमानित 75 प्रतिशत महिलाओं को मेनोपॉज के साथ हॉट फ्लैश का अनुभव होता है।

मेनोपॉज के अन्य सामान्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं:

  • इन्सोम्निया यानी अनिद्रा
  • वेजाइनल ड्राइनेस यानी योनि का सूखापन
  • वजन बढ़ना
  • डिप्रेशन
  • एंग्जायटी
  • फोकस करने में परेशानी आना
  • याददाश्त की समस्या
  • कम कामेच्छा, या सेक्स ड्राइव
  • ड्राई स्किन, मुंह और आंखें
  • पेशाब बढ़ जाना
  • गले में खराश या स्तन में कोमलता
  • सिर दर्द
  • दिल की तेज धड़कन
  • यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई)
  • कम मसल्स मास
  • दर्दनाक या कठोर जोड़
  • हड्डी का मास या द्रव्यमान कम होना
  • बालों का झड़ना या पतला होना
  • चेहरे, गर्दन, छाती और पीठ के ऊपरी हिस्से जैसे शरीर के अन्य क्षेत्रों में बालों की ग्रोथ बढ़ना।

मेनोपॉज के कारण

मेनोपॉज कई कारणों से हो सकता है:

नेचुरली घट रहे रिप्रोडक्टिव यानी प्रजनन हार्मोन:-

जैसे ही कोई महिला 30 के दशक के अंत तक पहुंचती है तब ओवरी कम एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन (मासिक धर्म को नियंत्रित करने वाले हार्मोन) बनाने लगती हैं और फर्टिलिटी कम हो जाती है। 40 के दशक में पीरियड्स लंबे या छोटे, भारी या हल्के, और ज्यादा या कम बार हो सकते हैं। आखिर में औसतन, 51 साल की उम्र तक ओवरी एग रिलीज करना बंद कर देते हैं, और पीरियड्स नहीं होते हैं।

ओवरी को हटाने वाली सर्जरी (ऊफोरेक्टॉमी):-

ओवरी एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन सहित हार्मोन बनाते हैं, जो मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करते हैं। ओवरी को हटाने के लिए सर्जरी जल्दी मेनोपॉज होने का कारण बनती है। इसमें पीरियड्स बंद हो जाते हैं, और हॉट फ्लैशेस होने और मेनोपॉज के दूसरे लक्षण के अनुभव होने की संभावना है। संकेत और लक्षण बहुत ज्यादा गंभीर हो सकते हैं। वे सर्जरी यूटेरस को हटाती है लेकिन ओवरी नहीं हटाती है उसे हिस्टेरेक्टॉमी कहा जाता है, आमतौर पर तुरंत मेनोपॉज नहीं होता है। हालांकि अब पीरियड्स नहीं होते हैं, फिर भी ओवरी एग रिलीज करती है और एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन बनाती हैं।

कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी:-

कैंसर थेरेपी मेनोपॉज को जल्दी आने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, जिससे थेरेपी के दौरान या उसके तुरंत बाद हॉट फ्लैशेस जैसे लक्षण हो सकते हैं। कीमोथेरेपी के बाद पीरियड्स (और फर्टिलिटी) का रुकना हमेशा स्थायी नहीं होता है, इसलिए बर्थ कंट्रोल के उपाय अभी भी वांछित हो सकते हैं। रेडिएशन थेरेपी सिर्फ ओवरी फंक्शन को प्रभावित करती है, अगर रेडिएशन ओवरी पर असर डालती है। शरीर के अन्य हिस्सों, जैसे स्तन टिश्यू या सिर और गर्दन में रेडिएशन थेरेपी मेनोपॉज को प्रभावित नहीं करेगी।

प्राइमरी ओवेरियन इंसफिशिएंसी:-

लगभग 1% महिलाएं 40 वर्ष की उम्र (समय से पहले मेनोपॉज) से पहले मेनोपॉज का अनुभव करती हैं। ओवरी फेल होने से समय से पहले मेनोपॉज रिप्रोडक्टिव हार्मोन (प्राइमरी ओवेरियन इंसफिशिएंसी) को सामान्य स्तर पर बनाने के कारण हो सकता है, जो आनुवांशिक कारकों या ऑटोम्यून्यून बीमारी से हो सकता है। लेकिन अक्सर समय से पहले मेनोपॉज का कोई कारण नहीं होता है। इन महिलाओं में दिमाग, दिल और हड्डियों की रक्षा के लिए आमतौर पर मेनोपॉज की प्राकृतिक उम्र तक हार्मोन थेरेपी की सिफारिश की जाती है।

मेनोपॉज के जोखिम

मेनोपॉज एक नेचुरल प्रक्रिया है। लेकिन हार्मोन के उतार-चढ़ाव आपको परेशान कर सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।

लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ आदतें मेनोपॉज को जल्दी ला सकती हैं। स्मोकिंग करने वाली महिलाओं को मेनोपॉज जल्दी हो सकता हैं बजाय उन महिलाओं की जो स्मोकिंग नहीं करती हैं।

एक रिसर्च के मुताबिक, शराब का सेवन और कैफीन का सेवन नेचुरल मेनोपॉज की उम्र को प्रभावित कर सकता है। और जबकि ज्यादा मात्रा में फैट लेने से मेनोपॉज पहले हो सकता है, डाइट में फल और सब्जियां खाने से मेनोपॉज लेट आने की संभावना बढ़ जाती है।

रिसर्च के मुताबिक, एक हेल्दी डाइट मेनोपॉज की शुरुआत में देरी करता है और रिप्रोडक्टिव लाइफ को बढ़ाता है, कई फूड में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट के कारण ओवरी और उसके कूप (फॉलिकल) की रक्षा करने में मदद मिलती हैं।

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मेनोपॉज से जुड़ी गलत धारणाएं

कई महिलाएं ये सोचती हैं कि मेनोपॉज होने के बाद प्रेगनेंट नहीं हो सकती हैं, लेकिन ये पूरी तरह से सच नहीं है। जब पहली बार पीरियड आना बंद होता है तब फर्टिलिटी क्षमता दूर नहीं होती है। यह सच है कि 45 साल की उम्र के बाद प्रेगनेंट होने की संभावना बहुत कम होती है, भले ही आपको अभी भी पीरियड्स हो रहे हों। लेकिन कुछ महिलाओं के लिए यह अभी भी संभव है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह से बर्थ कंट्रोल का इस्तेमाल जरूर करें।

मेनोपॉज की जांच

हो सकता है कि आपको संदेह हो कि मेनोपॉज शुरू होने वाला है या डॉक्टर आपके द्वारा बताए गए लक्षणों के आधार पर कुछ कहेगा। आप अपने पीरियड्स पर नजर रख सकते हैं और असमान होने पर इसका एक चार्ट बना सकते हैं। यह चार्ट डॉक्टर को मदद करेगा कि आप पेरिमेनोपॉज़ल हैं या मेनोपॉज के करीब हैं। डॉक्टर ब्लड टेस्ट के जरिए निम्न स्तरों की जांच कर सकते हैं:

फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन (FSH):-

यह आमतौर पर मेनोपॉज के करीब आने पर बढ़ जाता है।

एस्ट्राडियोल:-

इस टेस्ट के जरिए पता चलता है कि ओवरी कितना एस्ट्रोजन बना रही हैं। मेनोपॉज में यह स्तर नीचे चला जाएगा।

थायराइड हार्मोन:-

यह थायरॉयड ग्लैंड के साथ समस्याओं को दर्शाता है, जो आपके पीरियड्स को प्रभावित कर सकता है और मेनोपॉज जैसे लक्षण पैदा कर सकता है।

घर पर जांच:-

यूरिन में एफएसएच स्तर की जांच के लिए ओवर-द-काउंटर होम टेस्ट किट अवेलेबल हैं। यह टेस्ट आपको बता सकते हैं कि क्या आपका एफएसएच स्तर बढ़ गया है और पेरिमेनोपॉज़ या मेनोपॉज में हो सकता है। लेकिन, चूंकि मासिक धर्म के दौरान एफएसएच का स्तर बढ़ता और गिरता है, होम एफएसएच टेस्ट से असल में यह नहीं बता सकते हैं कि निश्चित रूप से मेनोपॉज के स्टेज में हैं या नहीं।

मेनोपॉज की जटिलताएं

मेनोपॉज के बाद कुछ मेडिकल कंडीशन का जोखिम बढ़ जाता है। जैसे कि:

दिल और ब्लड-वेसल (कार्डियो वस्कुलर) से जुड़ी बीमारियां :-

जब एस्ट्रोजन का स्तर गिरता है तो दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। दिल की बीमारी महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों में भी मौत का प्रमुख कारण है। इसलिए नियमित व्यायाम करना, स्वस्थ आहार लेना और सामान्य वजन बनाए रखना जरूरी है। अपने डॉक्टर से दिल की सेहत को लेकर सलाह लें, जैसे कि अपने कोलेस्ट्रॉल या ब्लड प्रेशर को कैसे कम करें अगर यह बहुत ज्यादा है।

ऑस्टियोपोरोसिस:-

इस कंडीशन के कारण हड्डियां भंगुर और कमजोर हो जाती हैं, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। मेनोपॉज के बाद पहले कुछ सालों के दौरान तेजी से हड्डियों की डेंसिटी को खो सकते हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। पोस्टमेनोपॉज़ल ऑस्टियोपोरोसिस वाली महिलाओं को खास तौर पर उनकी रीढ़, कूल्हों और कलाई के फ्रैक्चर के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं।

यूरिनरी इनकंटिनेंस :-

वेजाइना और यूरेथ्रा के टिश्यू लोच खो देते हैं तब बार-बार, अचानक पेशाब करने जैसा महसूस हो सकता है, इसके बाद पेशाब से नियंत्रण खोना (यूरिनरी इनकंटीनेंस), या खांसने, हंसने या लिफ्टिंग (स्ट्रेस इनकंटीनेंस) के साथ पेशाब पर नियंत्रण खो सकता है। बार-बार पेशाब में इंफेक्शन (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) हो सकता है।

कीगल एक्सरसाइज के साथ पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूत करना और एक टोपिकल वेजाइनल एस्ट्रोजन का इस्तेमाल करना असंयम के लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकता है। मेनोपॉज यूरिनरी ट्रैक्ट और वेजाइनल बदलाव के लिए हार्मोन थेरेपी भी एक प्रभावी उपचार विकल्प हो सकता है जिसके नतीजन पेशाब कंट्रोल न कर पाना (यूरिनरी इनकंटीनेंस) हो सकता है।

सेक्सुअल फंक्शन:-

कम मॉइश्चर बनने और इलास्टिसिटी के नुकसान से होने वाली वेजाइनल ड्राइनेस सेक्स के दौरान असुविधा और मामूली ब्लीडिंग का कारण बन सकती है। इसके अलावा सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान सेंसेशन कम कर सकती है।

वॉटर बेस्ड वेजाइनल मॉइश्चर और लुब्रिकेंट्स इसमें मदद कर सकते हैं। अगर वेजाइनल लुब्रिकेंट न हो तब वेजाइनल क्रीम, टैबलेट या रिंग के रूप में मौजूद लोकल वेजाइनल एस्ट्रोजन उपचार के उपयोग से फायदा मिल सकता है।

वजन बढ़ना:-

मेनोपॉज होने के दौरान और मेनोपॉज के बाद कई महिलाओं का वजन बढ़ जाता है क्योंकि मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। आपको अपने वर्तमान वजन को बनाए रखने के लिए कम खाने और ज्यादा व्यायाम करने की जरूरत पड़ सकती है।

डॉक्टर के पास कब जाएं

डॉक्टर से नियमित रूप से चेकअप करवाते रहे। मेनोपॉज के दौरान और बाद में डॉक्टर से अपॉइंटमेंट जरूर लें।

उम्र के अनुसार डॉक्टर कुछ जांच करने को कह सकते हैं, जैसे कि कोलोनोस्कोपी, मैमोग्राफी और ट्राइग्लिसराइड स्क्रीनिंग। डॉक्टर दूसरे फिजिकल टेस्ट की भी सिफारिश कर सकते हैं, जिसमें थायराइड टेस्ट भी शामिल है, यदि मेडिकल हिस्ट्री के हिसाब से ब्रेस्ट और पेल्विक एग्जाम भी कर सकते हैं। अगर मेनोपॉज के बाद वेजाइना से ब्लीडिंग हो रही है तो हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।

मेनोपॉज का उपचार

मेनोपॉज के लिए किसी मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके बजाय उपचार आपके लक्षणों को दूर करने और उम्र बढ़ने के साथ होने वाली गंभीर स्थितियों को रोकने या मैनेज करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

डॉक्टर इसमें निम्न उपचार दे सकते हैं:

हार्मोन थेरेपी:-

मेनोपॉज से जुड़ी हॉट फ्लैशेस से राहत के लिए एस्ट्रोजन थेरेपी सबसे प्रभावी उपचार विकल्प है। आपके पर्सनल और फैमिली मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर डॉक्टर कम खुराक में एस्ट्रोजन लेने की सलाह दे सकते हैं। अगर आपने यूटेरस नहीं निकलवाया है तो एस्ट्रोजन के अलावा प्रोजेस्टिन की जरूरत होगी। एस्ट्रोजन हड्डियों के नुकसान को रोकने में भी मदद करता है। हार्मोन थेरेपी के लंबे समय तक इस्तेमाल से दिल और ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम हो सकते हैं, लेकिन मेनोपॉज के समय के आसपास हार्मोन शुरू करने से कुछ महिलाओं को फायदा हो सकता है। हार्मोन थेरेपी के फायदों और जोखिमों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।

वेजाइनल एस्ट्रोजन:-

वेजाइनल ड्राईनेस को दूर करने के लिए वेजाइनल क्रीम, टैबलेट या रिंग का इस्तेमाल करके एस्ट्रोजन को सीधे वेजाइना में दिया जा सकता है। यह उपचार सिर्फ थोड़ी मात्रा में एस्ट्रोजन जारी करता है, जिसे वेजाइना के टिश्यू द्वारा अवशोषित किया जाता है। यह वेजाइनल ड्राइनेस, सेक्स में परेशानी और कुछ यूरिन संबंधी लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकता है।

कम मात्रा में एंटीडिप्रेसेंट :-

चुनिंदा सेरोटोनिन रीपटेक इनहिबिटर (एसएसआरआई) नामक दवाओं से संबंधित कुछ एंटीड्रिप्रेसेंट्स मेनोपॉज के हॉट फ्लैशेस को कम कर सकते हैं। हॉट फ्लैशेस को मैनेज करने के लिए एक कम खुराक वाली एंटीडिप्रेसेंट उन महिलाओं के लिए उपयोगी हो सकती है जो हेल्थ से जुड़े कारणों से एस्ट्रोजन नहीं ले सकती हैं या उन महिलाओं के लिए जिन्हें मूड डिसऑर्डर के लिए एंटीडिप्रेसेंट की जरूरत होती है।

गैबापेंटिन (Gralise, Horizant, Neurontin):-

गैबापेंटिन हॉट फ्लैशेस को कम करने में मदद कर सकता है। यह दवा उन महिलाओं के लिए उपयोगी है जो एस्ट्रोजन थेरेपी का इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं और जिन्हें रात के समय हॉट फ्लैशेस होते हैं।

क्लोनिडीन (कैटाप्रेस, कापवे):-

क्लोनिडाइन, एक गोली या पैच जो आमतौर पर हाई ब्लडप्रेशर का इलाज करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, हॉट फ्लैशेस में कुछ राहत दे सकता है।

ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने या इलाज के लिए दवाएं:-

डॉक्टर ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने या उसका इलाज करने के लिए कुछ दवाएं दे सकते हैं। कई दवाएं हैं जो हड्डियों के नुकसान और फ्रैक्चर के जोखिम को कम करने में मदद करती हैं। डॉक्टर हड्डियों को मजबूत करने में मदद करने के लिए विटामिन डी की खुराक भी लिख सकते हैं।

किसी भी तरह के उपचार पर फैसला लेने से पहले अपने विकल्पों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें और हर उपचार से जुड़े जोखिमों और फायदों के बारे में बात करें।

मेनोपॉज में डाइट

मेनोपॉज के कारण एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है, जिससे वेजाइनल में ड्राइनेस जैसे असर दिखाई देते हैं। डॉक्टर लक्षणों को मैनेज करने के लिए सही उपचार तय कर आपकी मदद कर सकते हैं, डॉक्टर डाइट में बदलाव करने का कह सकते हैं। हार्मोन को संतुलित करने के लिए आप चाहें तो हमारे डायटीशियन से भी संपर्क कर सकते हैं। हार्मोनल बदलाव में डाइट बड़ा रोल निभाती है। ज्यादा जानकारी के लिए हमारे डायटीशियन से संपर्क करें।

आपके लिए बेस्ट ट्रीटमेंट

मेनोपॉज के लिए वैसे किसी तरह के इलाज की जरूरत नहीं होती है। लेकिन लक्षण गंभीर है तो उसे मैनेज करने के लिए डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर आपकी जरूरत और प्राथमिकता के हिसाब से आपको उपचार का सुझाव देंगे। किसी भी तरह के उपचार पर फैसला लेने से पहले अपने विकल्पों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें और हर उपचार से जुड़े जोखिमों और फायदों के बारे में बात करें।

Cicle ही क्यों चुनें?

मेनोपॉज एक नेचुरल प्रक्रिया है, इसमें शारीरिक और भावनात्मक उतार चढ़ाव देख सकते हैं। अगर आपको मेनोपॉज एक मुश्किल भरा समय लगता है तो CICLE आपकी मदद कर सकता है। Cicle के साथ जुड़ने से आप अपने समय और पैसे दोनों की बचत कर पाएगी। सामान्यतः आपको डॉक्टर के पास कंसल्ट करने के लिए सफर करना होता है, इसके लिए अलग से खर्चा भी होता है, लेकिन Cicle को डाउनलोड कर आप घर पर ही सुविधानुसार अपने समय के हिसाब से डॉक्टर के साथ अपॉइटमेंट लेकर अपनी हेल्थ पर चर्चा कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

मेनोपॉज से होने मूड स्विंग में क्या कर सकते हैं?

पर्याप्त नींद लेने और शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से मूड स्विंग को रोकने में मदद मिल सकती है। आप तनाव से निपटने के नए तरीके सीखने की कोशिश भी कर सकते हैं, जैसे मेडिटेशन या जर्नलिंग। अगर आपको किसी से बात करने की ज़रूरत है, तो डॉक्टर से सलाह लें।

अब जब मेनोपॉज शुरू हो गया है तो क्या बर्थ कंट्रोल के बारे में चिंतित होना चाहिए?

मेनोपॉज के एक साल पूरे होने के बाद भी अगर आप प्रेगनेंट नहीं होना चाहती हैं तब भी आपको बर्थ कंट्रोल का इस्तेमाल करना चाहिए। मेनोपॉज के बाद सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन के जोखिम को कम करने के लिए लेटेक्स कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए।

मेनोपॉज के बाद से सेक्स दर्दनाक होने पर क्या उपचार कर सकते हैं ?

सेक्स के दौरान जो दर्द हो रहा है, वह मेनोपॉज के दौरान घटते एस्ट्रोजन के स्तर से जुड़े वेजाइनल ड्राइनेस हो सकती है। दर्दनाक सेक्स के संभावित कारणों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। कई तरह के लुब्रिकेशन हैं जो लक्षणों से राहत देने में मदद कर सकते हैं। सुझाव के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें

मेनोपॉज से जुड़ी रिसर्च

लगभग 60 फीसदी केस में मेनोपॉज से जुड़े लक्षण परेशान करने वाले होते हैं। ऐसी स्थिति में किसी भी लक्षण को बिना नजरअंदाज किए डॉक्टर को जरूर बताएं। लक्षण को मैनेज करने से जीवन की गुणवत्ता और भावनात्मक सेहत में सुधार हो सकता है। आप चाहें तो घर पर रहकर ही अपनी सहूलियत के हिसाब से हमारे डॉक्टर से अपॉइंटमेंट बुक कर सलाह ले सकते हैं।

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