पीसीओएस होने पर क्या न करें?

By Cicle Health on 4 May, 2022
पीसीओएस होने पर क्या न करें?

क्या आप पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम को लेकर चिंतित हैं? बाहरी किनारों पर सिस्ट के साथ आकार में बढ़ी हुई ओवरी के कारण बनने वाले इस हार्मोनल डिसऑर्डर का तुरंत इलाज नहीं हो सकता है, लेकिन इसे दवाइयों, लाइफस्टाइल में बदलाव और सकारात्मकता से मैनेज किया जा सकता है। पीसीओएस के जेनेटिक और पर्यावरणीय पहलुओं सहित कई कारक हैं, जो प्रजनन आयु की महिलाओं में इस स्थिति को जन्म देते हैं।

पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में ज्यादा बाल आना, अनियमित पीरियड्स, बहुत ज्यादा वजन बढ़ना और मुँहासे जैसी समस्याएं होती हैं। पीसीओएस के होने का पता लगने के बाद लाइफस्टाइल और रूटीन की आदतों में बदलाव कर इस स्थिति का इलाज करना होता है, ताकि पीरियड्स नियमित हो सके। पीरियड्स को नियमित करने के लिए दवाइयां हैं, डायबिटीज और इनफर्टिलिटी से भी लड़ने के लिए दवाएं हैं। लेकिन सबसे पहले और सबसे जरुरी यह है कि इसे ठीक करने की दिशा में आप काम करने के लिए तैयार हों, क्योंकि इस स्थिति से निपटने के लिए तुरंत कदम उठाए जाने की जरूरत है।

कुछ सुझावों की मदद से अच्छी सेहत की ओर वापस शुरुआत कर सकते हैं।

हाई शुगर फूड और ड्रिंक से बचें

स्वादिष्ट खाना कौन नहीं खाना चाहता लेकिन बेहतर सेहत की कीमत पर? बिलकुल नहीं। इसलिए मिठाइयों को देखकर मन भी ललचाए तो इससे परहेज करें। अगर आपको पीसीओएस होने के बारे में पता चला है तब तो हाई शुगर वाले फूड और ड्रिंक से जरूर बचना चाहिए।

एक जगह बैठे रहने की आदत को जरूर बदलें

खुद को आलसी बनाकर घर के आरामदेह कोने में बैठ जाना सुखद सा लगता है लेकिन यह सेहत पर बहुत बुरा असर डाल सकता है। पीसीओएस होने पर एक्टिव हो जाए, इसलिए थोड़ा वॉक करें ताकि मोटापा और वजन न बढ़े। ध्यान रखें, लंबे समय तक एक जगह बैठे रहने से वजन जल्दी बढ़ता है।

नींद पर ध्यान दें

दुनिया में ज्यादातर लोगों का मानना है कि वे अपने सोने के समय से प्यार करते हैं। ऐसे कई लोग हैं जो या तो देर से सोते हैं या इस बात पर गर्व करते हैं कि उन्हें उतनी नींद की जरूरत नहीं है जितनी दूसरों को ताजा और एनर्जेटिक रहने के लिए होती है। याद रखें कि अपनी नींद से कभी भी समझौता न करें, नींद शरीर और दिमाग को रिचार्ज करने और तरोताजा महसूस कराने, सतर्क रहने और अच्छा मूड बना रहने में मदद करती है।

शराब और स्मोकिंग से बचें

अपनी आदतों पर ध्यान दें और आकलन करें कि किस एक्टिविटी को करना चाहिए और किससे बचना चाहिए। ज्यादा शराब पीने और स्मोकिंग करने से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा हो सकता है जिससे दिल के रोग का खतरा बढ़ जाता है। प्रजनन आयु में स्मोकिंग करने वाली महिलाओं में एंड्रोजन का स्तर ज्यादा होता है। इसलिए बेहतर सेहत के लिए इन आदतों को छोड़ दें।

लक्षणों को नजरअंदाज न करें

ज्यादातर लोग यहीं सोचते हैं कि हमारी सेहत बिलकुल अच्छी है। इसलिए महिलाएं अक्सर असामान्य लक्षणों को नोटिस करने के बावजूद या तो डॉक्टर के पास जाने में देरी करती है या सोचती है कि अपने आप कुछ वक्त में सब ठीक हो जाएगा। जब सेहत खराब होती है, तब खाने की आदत पर ध्यान दिया जाता है। तब भी सटीक पहचान किए बिना अपने काम में लगी रहती है। इसलिए सतर्क रहें और डॉक्टर के पास जाएं।

शेयर करें, इसे अपने तक न रखें

आप जिस दौर से गुजर रहे हैं, उसे अपने करीबी लोगों के साथ शेयर करने में कभी कोई बुराई नहीं है, चाहे वह कुछ भावनात्मक हो या शारीरिक। कभी-कभी, विचारों, आशंकाओं और चिंताओं को शेयर करने से जिस स्थिति में फंस सकते हैं, उसे बदलने में मदद के लिए रास्ते खुल सकते हैं। परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ इस बारे में बात करें, ताकि इससे निपटने में कुछ मदद मिल सके।

व्यायाम या योग करें

हमने स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन के वास के बारे में सुना है। दोनों के लिए व्यायाम और योग अच्छा विकल्प हो सकते हैं। व्यायाम के कई फायदे होते हैं। व्यायाम शरीर के लचीलेपन को दोगुना करता है, एनर्जी और सांस लेने की शक्ति में सुधार करता है, वजन कम करने और मेटाबॉलिज्म को मेंटेन करने में मदद करता है। इसी तरह योग ब्लड फ्लो को बढ़ाता है, मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और बीमारियों को दूर रखता है।

संतुलित डाइट लें, खाना स्किप न करें

एक स्वस्थ, संतुलित आहार कम परेशानियों के साथ लंबे समय तक जीने में मदद कर सकता है। स्वस्थ खाना हड्डियों को मजबूत करता है, डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक तरह से काम करता है, मसल्स को सपोर्ट करता है और टाइप 2 डाइबिटीज के साथ-साथ कैंसर के खतरे को भी कम करता है। अगर आपको पीसीओएस है तब तेजी से वजन कम करने के लिए अपना खाना नहीं छोड़ें। अगर आप खाना छोड़ती है या लंबे अंतराल के बाद खाना खाती है तो पीसीओएस आपके हार्मोन में गड़बड़ कर सकता है। इसलिए नियमित अंतराल पर खाना खाएं और संतुलित डाइट लें।

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