यूटीआई

By Cicle Health on 28 Nov, 2022
यूटीआई

अगर आपको बार-बार पेशाब जैसा महसूस हो रहा है, या पेशाब करते समय जलन हो रही है, तब बिना देरी किए हमारे एक्सपर्ट डॉक्टर से सलाह लें। अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए यहां क्लिक करें।

यूटीआई क्या है?

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) यानी पेशाब में इंफेक्शन, यूरिनरी सिस्टम (किडनी, युरेटर्स, ब्लैडर, यूरेथ्रा) में होने वाला इंफेक्शन है। ज्यादातर इंफेक्शन में लोअर यूरिनरी ट्रैक्ट शामिल होता है जैसे ब्लैडर और यूरेथ्रा। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यूटीआई होने का खतरा ज्यादा होता है। ब्लैडर में संक्रमण दर्दनाक हो सकता है। हालांकि अगर यूटीआई संक्रमण किडनी में फैलता है तो गंभीर नतीजे हो सकते हैं। डॉक्टर आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं के जरिए यूरिनरी ट्रैक्ट के इंफेक्शन का इलाज करते हैं। लेकिन यूटीआई के बारे में जागरूक होकर इसके होने की संभावना को कम करने के लिए कदम उठा सकते हैं।

यूटीआई के लक्षण

यूटीआई के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि यूरिनरी ट्रैक्ट का कौन सा हिस्सा संक्रमित है।

लोअर ट्रैक्ट यूटीआई के लक्षण

लोअर ट्रैक्ट यूटीआई यूरेथ्रा और ब्लैडर को प्रभावित करते हैं। लोअर ट्रैक्ट यूटीआई के लक्षणों में शामिल हैं:

पेशाब के साथ जलन:- यूटीआई होने पर पेशाब करते समय जलन हो सकती है।

पेशाब की फ्रीक्वेंसी बढ़ना:- बार-बार पेशाब आना लेकिन पेशाब जैसा महसूस होने पर कम पेशाब आना। अचानक पेशाब करने की जरूरत महसूस करना.

खूनी पेशाब:- पेशाब के साथ खून आना।

यूरिन का बदला रंग:- क्लाउडी पेशाब आना या पेशाब का रंग कोला या चाय जैसा दिखना। पेशाब जिसमें तेज गंध आती है। महिलाओं में पेल्विक दर्द होना और पुरुषों में रेक्टल यानी मलाशय का दर्द होना।

अपर ट्रैक्ट यूटीआई के लक्षण

अपर ट्रैक्ट यूटीआई किडनी को प्रभावित करते हैं। अगर बैक्टीरिया संक्रमित किडनी से खून में चले जाते हैं तो ये संभावित रूप से जीवन के लिए खतरा हो सकते हैं। यूरोसेप्सिस नामक यह स्थिति खतरनाक रूप से लॉ ब्लड प्रेशर, सदमा और मौत का कारण बन सकती है। अपर ट्रैक्ट यूटीआई के लक्षणों में शामिल हैं:

  • पीठ के ऊपरी हिस्से और बाजू में दर्द
  • ठंड लगना
  • बुखार
  • जी मिचलाना
  • उल्टी

पुरुषों में यूटीआई के लक्षण

पुरुषों में अपर ट्रैक्ट के यूटीआई इंफेक्शन में लक्षण महिलाओं के समान ही होते हैं। लेकिन लोअर ट्रैक्ट के यूटीआई में पुरुषों को कभी-कभी मलाशय में दर्द का अनुभव भी हो सकता है।

महिलाओं में यूटीआई के लक्षण

लोअर ट्रैक्ट यूरिनरी इन्फेक्शन वाली महिलाओं को पेल्विक दर्द का अनुभव हो सकता है। यह अन्य सामान्य लक्षणों के साथ हो सकता है।

यूटीआई के कारण

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन आमतौर पर तब होते हैं, जब बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट के जरिए यूरिनरी ट्रैक्ट में आ जाते हैं और ब्लैडर में गुणा कर बढ़ जाते हैं। हालांकि यूरिनरी सिस्टम नुकसानदायक को बाहर रखने में अपनी पूरी भूमिका निभाता है, लेकिन कभी-कभी इसे बचाने में नाकामयाब हो जाता है। जब ऐसा होता है तब बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन बना लेते हैं। यूटीआई मुख्य रूप से महिलाओं में होते हैं और ब्लैडर (मूत्राशय) और यूरेथ्रा (मूत्रमार्ग) को प्रभावित करते हैं।

ब्लैडर का संक्रमण (सिस्टिटिस):-

इस प्रकार का यूटीआई आमतौर पर एस्चेरिचिया कोलाई (ई कोलाई) के कारण होता है, यह एक प्रकार का बैक्टीरिया होता है जो आमतौर पर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) ट्रैक्ट में पाया जाता है। हालांकि कभी-कभी दूसरे बैक्टीरिया भी जिम्मेदार होते हैं। सेक्सुअल इंटरकोर्स से सिस्टिटिस हो सकता है, लेकिन इसे डेवलप होने के लिए सेक्सुअली एक्टिव होने की जरूरत नहीं है। सभी महिलाओं को उनकी एनाटॉमी यानी शरीर रचना विज्ञान के कारण सिस्टिटिस का खतरा होता है- खास तौर पर यूरेथ्रा से एनस तक की छोटी दूरी और ब्लेडर के लिए यूरेथ्रल ओपनिंग तक।

यूरेथ्रा का इंफेक्शन (यूरेथ्रिटिस):-

इस तरह का यूटीआई तब हो सकता है, जब जीआई बैक्टीरिया एनस से यूरेथ्रा तक फैल जाता है। क्योंकि महिलाओं के शरीर में यूरेथ्रा वेजाइना के करीब है, सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन जैसे कि दाद, गोनोरिया, क्लैमाइडिया और माइकोप्लाज्मा, यूरेथ्रिटिस का कारण बन सकते हैं।

यूटीआई के प्रकार

यूरिनरी ट्रैक्ट के कई हिस्सों में इंफेक्शन हो सकता है। और हर तरह के प्रकार का एक अलग नाम होता है।

सिस्टिटिस (ब्लैडर):-

सिस्टिटिस संक्रमण में महिलाओं को महसूस होता है कि और ज्यादा पेशाब करने की जरूरत है, या जब पेशाब करते हैं तो दर्द हो सकता है। इसमें पेट के निचले हिस्से में दर्द और क्लाउडी या खूनी पेशाब भी हो सकता है।

पाइलोनफ्राइटिस (किडनी):-

इससे बुखार, ठंड लगना, मतली, उल्टी और पीठ के ऊपरी हिस्से या बाजू में दर्द हो सकता है।

यूरेथ्राइटिस (यूरेथ्रा):-

पेशाब करते समय इससे डिस्चार्ज और जलन हो सकती है।

यूटीआई के जोखिम

यूटीआई के जोखिम और उससे जुड़ी जानकारी जानकर इसके जोखिम को कम किया जा सकता है। अगर आप किसी लक्षण को लेकर कन्फ्यूज है तो तुरंत हमारे एक्सपर्ट डॉक्टर से सम्पर्क करें।

महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होना आम हैं, और कई महिलाएं अपनी पूरी जिंदगी में एक से ज्यादा बार इंफेक्शन का अनुभव करती हैं। यूटीआई के लिए महिलाओं के लिए कुछ जोखिम कारक हैं:

महिला शरीर रचना विज्ञान:-

महिला का यूरेथ्रा पुरुष की तुलना में छोटा होता है, पुरुषों में बैक्टीरिया को ब्लैडर तक पहुंचने के लिए लंबा सफर करना पड़ता है, लेकिन महिलाओं के केस में उनके लिए आसान होता है।

सेक्सुअल एक्टिविटी:-

सेक्सुअल एक्टिविटी में एक्टिव महिलाओं में यूटीआई होने की संभावना ज्यादा होती हैं, जो सेक्सुअल एक्टिव नहीं होती हैं। सेक्सुअल पार्टनर बदलने से भी जोखिम बढ़ जाता है।

कुछ प्रकार के जन्म नियंत्रण (बर्थ कंट्रोल):-

महिलाएं बर्थ कंट्रोल के लिए डायाफ्राम इस्तेमाल करती हैं, उन्हें ज्यादा जोखिम हो सकता है, साथ ही वे महिलाएं जो शुक्राणुनाशक चीजों का इस्तेमाल करती हैं।

रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज):-

मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन के सर्कुलेशन में गिरावट यूरिनरी ट्रैक्ट में बदलाव का कारण बनती है, जिससे संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं।

यूटीआई के लिए अन्य जोखिम कारकों में निम्न शामिल हैं:

यूरिनरी ट्रैक्ट की असामान्यताएं:-

यूरिनरी ट्रैक्ट की असामान्यताओं के साथ पैदा हुए बच्चे जो यूरिन को सामान्य रूप से शरीर से बाहर पास नहीं कर पाते हैं या यूरेथ्रा में यूरिन को बैकअप की तरह इकठ्ठा करने का कारण बनते हैं, उनमें यूटीआई होने का खतरा बढ़ जाता है।

यूरिनरी ट्रैक्ट में रुकावट:-

किडनी स्टोन या बढ़े हुए प्रोस्टेट ब्लैडर में यूरिन को फंसा सकते हैं और यूटीआई के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

एक दबी हुई इम्यूनिटी:-

डायबिटीज और अन्य बीमारियां जो इम्यूनिटी को खराब करती हैं, इससे यूटीआई होने का जोखिम बढ़ सकता है।

कैथेटर का इस्तेमाल :-

जो लोग अपने आप पेशाब नहीं कर सकते हैं और पेशाब करने के लिए एक ट्यूब (कैथेटर) का इस्तेमाल करते हैं, उनमें यूटीआई होने का खतरा बढ़ जाता है। इसमें वे लोग शामिल हो सकते हैं जो अस्पताल में भर्ती हैं, न्यूरोलॉजिकल समस्याओं वाले लोग जो पेशाब करने की अपनी क्षमता को कंट्रोल करना मुश्किल समझते हैं और जो लोग लकवाग्रस्त हैं।

यूरिनरी प्रक्रिया:-

यूरिनरी सर्जरी या यूरिनरी ट्रैक्ट की जांच जिसमें मेडिकल इंस्ट्रूमेंट शामिल हैं, दोनों ही यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

Cicle ही क्यों?

Cicle एक हेल्थ फ्रेंडली एप्लीकेशन है, जहां आप प्रेगनेंसी से जुड़े मामलों में कंसल्ट कर सकती है। आप अपनी सुविधा अनुसार घर बैठे ही हमारे एक्सपर्ट डॉक्टर की टीम से मदद ले सकती हैं। आप चाहे तो हमारे डॉक्टर से अपॉइंटमेंट बुक कर अपने घर पर ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सलाह ले सकती हैं। अपॉइटमेंट बुक करने के लिए यहां क्लिक करें।

यूटीआई से जुड़ी गलत धारणाएं

कई महिलाएं ये सोचती हैं कि यूटीआई होना कोई बड़ी बात नहीं है। और लापरवाही में इसका इलाज नहीं करती हैं। लेकिन ऐसा करना खतरनाक साबित हो सकता है। अगर इलाज ना करवाए तो इंफेक्शन आपके किडनी में फैल सकता है और गंभीर और परमानेंट डैमेज हो सकता है। इसलिए बिना लापरवाही किए डॉक्टर को जरूर दिखाएं।

यूटीआई की जांच

यूरिनरी ट्रैक्ट के इंफेक्शन की जांच कई प्रक्रियाओं के जरिए की जाती है:

यूरिन सैंपल का विश्लेषण:-

डॉक्टर व्हाइट ब्लड सेल्स यानी सफेद रक्त कोशिकाओं, रेड ब्लड सेल्स यानी लाल रक्त कोशिकाओं या बैक्टीरिया को देखने के लिए यूरिन सैंपल ले सकते हैं। सैंपल खराब न हो, इसके लिए जेनिटल एरिया यानी जननांग क्षेत्र को एक एंटीसेप्टिक पैड से पोंछने का कहा जा सकता है।

लैब में बढ़ते यूरिनरी ट्रैक्ट बैक्टीरिया:-

यूरिन सैंपल की जांच के साथ-साथ यूरिन कल्चर की जांच होती है। यह टेस्ट बताता है कि कौन से बैक्टीरिया इंफेक्शन का कारण बन रहे हैं और कौन सी दवाएं सबसे प्रभावी होंगी।

यूरिनरी ट्रैक्ट की इमेज लेना :-

अगर आपको बार-बार इंफेक्शन हो रहा है, ऐसा यूरिनरी ट्रैक्ट में असामान्यता के कारण हो सकता है। डॉक्टर अल्ट्रासाउंड, एक कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन या मैग्नेटिक रिजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) हो सकता है। डॉक्टर यूरिनरी ट्रैक्ट को देखने के लिए एक कंट्रास्ट डाई का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ब्लैडर के अंदर देखने के लिए स्कोप का इस्तेमाल करना:-

अगर बार-बार यूटीआई हो रहा है तो डॉक्टर यूरेथ्रा और ब्लैडर के अंदर देखने के लिए एक लेंस (सिस्टोस्कोप) के साथ एक लंबी, पतली ट्यूब का इस्तेमाल करके सिस्टोस्कोपी कर सकता है। सिस्टोस्कोप यूरेथ्रा में डाला जाता है और ब्लैडर से होकर गुजरता है।

यूटीआई की घर पर जांच :-

यूटीआई की घर पर जांच नहीं की जा सकती, लेकिन लक्षणों को पहचान कर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए, क्योंकि सही समय पर इलाज करने से जटिलताएं नहीं बढ़ती है।

यूटीआई की जटिलताएं

जब पेशाब में संक्रमण का तुरंत और ठीक से इलाज किया जाता है तब लोअर ट्रैक्ट इंफेक्शन शायद ही कभी जटिलताओं का कारण बनते हैं। लेकिन अगर इसका इलाज न किया जाए तो यूरिनरी ट्रैक्ट के इंफेक्शन के गंभीर नतीजे हो सकते हैं।

यूटीआई की जटिलताएं निम्न हैं:

  • बार-बार होने वाला इंफेक्शन खास तौर पर वे महिलाएं जिन्हें छह महीने में दो या दो से ज्यादा यूटीआई या एक साल के अंदर चार या इससे ज्यादा का अनुभव करती हैं।
  • अगर इलाज न करवाया जाए तो यूटीआई के कारण गंभीर किडनी संक्रमण (पायलोनेफ्राइटिस) से किडनी में समस्या होती है।
  • प्रेगनेंट महिलाओं में जन्म के समय कम वजन या समय से पहले बच्चे पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • सेप्सिस यूरिनरी ट्रैक्ट से लेकर किडनी तक पहुँचने वाला संक्रमण जानलेवा हो सकता है।

यूटीआई से बचाव

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के जोखिम को कम करने के लिए ये तरीके अपना सकते हैं:

खूब सारा लिक्विड लें, खासकर पानी:-

पानी यूरिन को पतला करने में मदद करता है। इससे संक्रमण शुरू होने से पहले ही बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट के जरिए बाहर निकल जाते हैं।

क्रैनबेरी जूस पिएं:-

क्रैनबेरी का रस यूटीआई को रोकने में मदद करता है।

आगे से पीछे की तरफ साफ करें:-

पेशाब करने के बाद और टॉयलेट के बाद आगे से पीछे की तरफ साफ करें, ऐसा करने से एनल रीजन के बैक्टीरिया को वेजाइना और यूरेथ्रा में फैलने से रोकने में मदद मिलती है। सेक्स के तुरंत बाद अपने ब्लैडर को खाली करें। इसके अलावा बैक्टीरिया को फ्लश करने में मदद करने के लिए एक गिलास पानी पिएं।

नुकसानदायक फेमिनाइन प्रोडक्ट से बचें: -

जेनिटल एरिया में डिओडोरेंट स्प्रे या दूसरे डाउचिंग प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से यूरेथ्रा में जलन हो सकती है।

बर्थ कंट्रोल बदलें: -

डायाफ्राम, या अनलुब्रिकेटेड या शुक्राणुनाशक-उपचारित कंडोम, सभी बैक्टीरिया डेवलप कर सकते हैं।

यूटीआई का प्रेगनेंसी और पीरियड्स पर असर

यूरेथ्रा वेजाइना के पास ही होता है, इसलिए हो सकता है कि आपको ऐसा लगें कि यूरिन ट्रैक्ट इंफेक्शन के होने से पीरियड्स में दिक्कत हो सकती है, लेकिन ऐसा नहीं है। यूटीआई पीरियड्स, या रिप्रोडक्टिव सिस्टम यानी प्रजनन अंगों को सीधे प्रभावित नहीं करता है। यूटीआई प्रेगनेंट और नॉन-प्रेगनेंट महिलाओं में होना आम हैं और आमतौर पर इंफेक्शन को दूर करने के लिए दवा की जरूरत होती है। लेकिन अगर प्रेगनेंसी के दौरान इसका इलाज न किया जाए तो यूटीआई एक गंभीर संक्रमण के रूप में आगे बढ़ सकता है जिससे समय से पहले डिलीवरी, यहां तक कि भ्रूण का नुकसान भी हो सकता है।

डॉक्टर के पास कब जाएं?

अगर यूटीआई के लक्षण महसूस कर रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

यूटीआई का उपचार

यूटीआई का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है कि:

  • बैक्टीरिया (सबसे कॉमन कारण)
  • वायरल
  • फंगल

डॉक्टर आपके टेस्ट के रिजल्ट को देखकर तय करेंगे कि किस तरह का इलाज करना है। बैक्टीरियल यूटीआई का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। वायरल यूटीआई का इलाज एंटीवायरल दवाओं से किया जाता है। अक्सर एंटीवायरल सिडोफोविर वायरल यूटीआई के इलाज का विकल्प होता है। फंगल यूटीआई का इलाज एंटीफंगल नामक दवाओं से किया जाता है।

यूटीआई के लिए एंटीबायोटिक्

बैक्टीरियल यूटीआई के इलाज के लिए देखा जाता है कि इंफेक्शन में कौनसा यूरिनरी ट्रैक्ट प्रभावित है। लोअर ट्रैक्ट यूटीआई का आमतौर पर ओरल एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज किया जा सकता है। ऊपरी पथ के यूटीआई को एंटीबायोटिक इंजेक्शन देकर इलाज करवाया जाता है। कभी-कभी बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाओं के लिए रेसिस्टेंस बन जाते हैं। एंटीबायोटिक रेसिस्टेंज के जोखिम को कम करने के लिए डॉक्टर कोई कम समय के लिए भी दवाई दे सकते हैं। यूरिन कल्चर के नतीजों को देखते हुए डॉक्टर एंटीबायोटिक उपचार चुनने में मदद कर सकते हैं जो इंफेक्शन का कारण बनने वाले बैक्टीरिया के खिलाफ बेहतर काम करता है। बैक्टीरियल यूटीआई के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के अलावा अन्य उपचारों की जांच की जा रही है। कुछ मामलों में सेल केमिस्ट्री का इस्तेमाल करके इलाज किया जाता है।

डाइट

यूटीआई का डाइट से डायरेक्ट तो संबंध नहीं है, लेकिन डाइट के जरिए कब्ज को रोका जा सकता है। और कब्ज को दूर करने पर यूटीआई संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है। हालांकि यूटीआई में पानी ज्यादा राहत पहुंचाता है। आप चाहे तो बेहतर डाइट के सुझाव के लिए < हमारे एक्सपर्ट डायटीशियन से संपर्क कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

यूटीआई संक्रमण को खत्म होने में कितना समय लगता है?

एक हफ्ते के अंदर यूरिन में इंफेक्शन दूर हो सकता है। लेकिन अगर इसका इलाज न करवाया जाए तो यूटीआई समय के साथ खराब हो सकता है और इसके लिए चिकित्सकीय ध्यान देने की जरूरत होगी।

क्या बार-बार होने वाले यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से कैंसर की समस्या हो सकती है?

रिसर्च के मुताबिक, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और कैंसर के बीच कोई संबंध नहीं है।

अगर वेजाइना/ यूरिनरी एरिया में असहज महसूस हो रहा है तब क्या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की समस्या हो सकती है?

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन वेजाइनल और यूरेथ्रल एरिया से जुड़ी कंडीशन के लक्षण एक जैसे होते हैं, जैसे कि वेजाइना में सूखापन, लाइकेन, वेजाइना या ब्लैडर का प्रोलेप्स हो जाना यानी आगे बढ़ना।

यूटीआई से जुड़े डेटा

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन भारत में होने वाले आम संक्रमणों में से एक है। एक रिसर्च के मुताबिक, रोगियों में यूटीआई का प्रसार 53.82 प्रतिशत था; हालांकि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह संख्या ज्यादा थी। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में इंफेक्शन की संभावना बढ़ गई है। इसलिए बिना देर किए समय रहते डॉक्टर को दिखाएं। आप चाहें तो घर पर रहकर ही अपनी सहूलियत के हिसाब से हमारे डॉक्टर से अपॉइंटमेंट बुक कर सलाह ले सकते हैं।

SheResolved Healthcare Pvt. Ltd.